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बीकाम सेमेस्टर-2 व्यावसायिक अर्थशास्त्र

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2733
आईएसबीएन :0

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बीकाम सेमेस्टर-2 व्यावसायिक अर्थशास्त्र - सरल प्रश्नोत्तर

अध्याय 1 - भारत के प्रसिद्ध अर्थशास्त्री : कौटिल्य, गोपाल कृष्ण गोखले, डी.आर. गाडगिल, डॉ. राम मनोहर लोहिया, जवाहरलाल नेहरू, डॉ. बी.आर. अम्बेडकर आदि

(Famous Economists of India : Kautilya, Gopal Krishna Gokhale, D.R. Gadgil, Dr. Ram Manohar Lohia, Jawaharlal Nehru, Dr. B.R. Ambedkar etc.)

कौटिल्य के अनुसार अर्थशास्त्र एक निरन्तर चलने वाला क्रम है। अपनी पुस्तक में उसने शहरों तथा ग्रामों की व्यवस्था, न्यायालय, स्त्रियों के अधिकारों, वृद्धों तथा बच्चों की पालन-पोषण, विधुत्त तथा तलाक, राजस्व, थल तथा जल सेना की व्यवस्था, कूटनीति, कृषि, सूत कताई एवं बुनाई तथा अनेक अन्य विषयों की चर्चा की है। कौटिल्य ने व्यावहारिक आर्थिक विचारधारा के साथ-साथ स्वंय के निजी विचारों को प्रस्तुत किया। उनके निम्नलिखित विषयों पर आधारित हैं-

  1. भौतिक सम्पदाओं का उत्पादन एवं उद्देश्य
  2. वार्ता (Varta)
  3. कृषि तथा पशुपालन (Agriculture and Animal Husbandary)
  4. श्रम की महानता (Dignity of Labour)
  5. व्यापार (Trade)
  6. लोक-वित्त (Public Finance)
  7. जनसंख्या (Population)
  8. कल्याणकारी राज्य (Welfare State)

गोपाल कृष्ण गोखले का जन्म महाराष्ट्र के रत्नागिरि जिले के गाँव कोटलुक में पिता कृष्णराव तथा माता सचलाबाई के परिवार में 9 मई, 1866 को हुआ। उनके पिता कोल्हापुर की देसी रियासत में नौकरी के पेश से थे। अल्पायु में पिता की मृत्यु के बाद परिवार चाचा अनंत के साथ रहे। बड़े भाई गोविन्द ने नौकरी कर परिवार तथा गोपालकृष्ण की शिक्षा का खर्च उठाया। वर्ष 1897 से 1914 की अवधि में गोखले ने भारतीय राजनीतिक क्षेत्र में सकारात्मक व सहानुभूतिपूर्ण वातावरण व जनमत निर्माण हेतु सात बार अंग्रेजी सरकार को समस्याओं से अवगत कराने हेतु परस सार्वजनिक मामलों में उसकी छवि व कट्टर समाज-सुधारक, समाजवादी, अराजकतावादी, उत्तम एवं सच्चे शिक्षाशास्त्री बना दार्शनिक है।
डॉ. लोहिया सामाजिक समस्याओं के अध्ययन एवं विमर्श पर विशेष बल देते हैं। वह उत्पादन एवं वितरण के साधन, शक्ति एवं प्रशासन संस्था समुदाय के क्षेत्र में नियंत्रण करना तथा उत्पादन के साधनों पर समाज को नियंत्रण स्थापित करना चाहते हैं। अमीर और गरीब के बीच की दूरी को समाप्त करना तथा उनके बीच समता स्थापित करना चाहते थे। लोहिया एक महान समाजवादी विचारक थे। उनके अनुसार भारतीय समाज की प्रमुख समस्या जातिवाद है। वह जातिवाद को समाज के विकास में प्रमुख बाधा मानते हैं। वे भारतीय समाज में व्याप्त असमानता को समाप्त करना चाहते थे। वह वर्ण व्यवस्था के घोर विरोधी थे। उन्होंने 'सप्त क्रान्ति' का उद्घोष किया। उनके अनुसार दलित, स्त्रियाँ, अल्पसंख्यक वर्गों एवं पिछड़े वर्गों के लिए सरकारी सेवाओं में आरक्षण होना चाहिए।

व प्रतिनधियों के चुनाव में 60 प्रतिशत आरक्षण होना चाहिए। आर्थिक विषमता को समाप्त करने के लिए उन्होंने वितरण पर बल दिया। उन्होंने समाजवाद का समर्थन किया।

राधेश्य चन्द्र दत्त का जन्म बंगाल में 1848 ई० में कलकत्ता में हुआ व 1869 ई० में वे आई.सी.एस. बने तथा 1899 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए। कुछ वर्ष “रायल लन्दन विश्वविद्यालय" में अध्यापक रहे। उन्होंने कार्य किया तथा "Economic History of India" पुस्तक लिखी। उनकी दूसरी पुस्तक “Famines in India", जो 1900 में लिखी गई।

प्रो. अमर्त्य सेन का जन्म 3 नवम्बर 1933 को शान्तिनिकेतन में हुआ। इन्हें वर्ष 1998 का नोबेल पुरस्कार पुस्तक दिया गया। प्रो. सेन नोबेल पुरस्कार से सम्मानित होने वाले छठवें व्यक्ति तथा वे प्रथम एशियाई अर्थशास्त्री हैं। जिन्हें नोबेल पुरस्कार अर्थशास्त्र विषय में दिया गया है।

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